सज धज कर जिस दिन मौत की (सैहजादी आएगी-२)
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी -२
देखिये इंसान बहुत छोटा होता है और हर इंसान के अरमान बहुत बड़े होते है
(१)
यदि छोटा तू कितने बड़े (अरमान है तेरे-२)
माटी का तू सोने के सब सामान है तेरे -२
माटी की काया माटी में हो हो। ......
माटी की काया माटी में (इक दिन मिलजाएजी-२)
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी
सज धज कर जिस दिन मौत की हो हो....
(२)
पन्क्षी है पर पन्क्षी है (पिजरा खोल के उड़जा-२)
माया मोह के सारे बन्धन तोड़ के उड़जा -२
दिल की हर धड़कन में जब मौत (गुन गुनएगी-२)
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी -२
(३)
अच्छे किये कर्म जो तुमने (पाया मनुष्य तन-२)
पाप में क्यू भटका है रे पापी तेरा मन
अच्छे किये कर्म जो तुमने (पाया मनुष्य तन-२)
पाप में क्यू भटका है रे पापी तेरा मन
और पाप की नैया तुमको हो हो....
और पाप की नैया तुमको (एक दिन डुबाएगी-२)
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी
सज धज कर जिस दिन मौत की हो हो....
(४)
धन दौलत से एक दिन तेरा (खाली होगा हाथ-२)
अंत समय बस प्रभु का एक भजन चलेगा साथ -२
सात गुर हंस वाणी (तुम्हे याद आएगी-२)
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी -२
सज धज कर जिस दिन मौत की (सैहजादी आएगी-२)
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी -४
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